मां क्या चाहती है -------------
मां चाहती है अब जी भर कर आराम करना
जीवन भर काम करने के बाद
ये उसका हक भी बनता है
और उम्र को देखते हुए
यह उसकी जरूरत भी है।
मां चाहती है कि उसकी सेहत अच्छी रहे
वह उठती है तो चक्कर आते हैं
लेटती है तो सर दुखता है
कभी खाने की इच्छा नहीं होती
कभी खाकर भी अच्छा नहीं लगता।
मां चाहती है कि बच्चे
उसका हालचाल पूछते रहें
और वह आश्वस्त रहे
कि वे उसके साथ हैं।
मां चाहती है कि उसके सामने रहें
अच्छे दिनों की तस्वीरें
पापाजी की किताबें
और मायके से लायी गयी अलमारी
मां चाहती है
उन अभावों को छिपाए रखना
जिन्हें बताने का अब कोई मतलब नहीं है।
वह चाहती है उन सवालों से बचना
जिनके उत्तर अब उसके पास नहीं हैं।
चाहती तो माँ और भी बहुत कुछ थी
जब हाथ पाँव सलामत थे
उसने भी बहुत से सपने देखे थे
जब सपने देखने के दिन थे
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जीवन भर काम करने के बाद
ये उसका हक भी बनता है
और उम्र को देखते हुए
यह उसकी जरूरत भी है।
मां चाहती है कि उसकी सेहत अच्छी रहे
वह उठती है तो चक्कर आते हैं
लेटती है तो सर दुखता है
कभी खाने की इच्छा नहीं होती
कभी खाकर भी अच्छा नहीं लगता।
मां चाहती है कि बच्चे
उसका हालचाल पूछते रहें
और वह आश्वस्त रहे
कि वे उसके साथ हैं।
मां चाहती है कि उसके सामने रहें
अच्छे दिनों की तस्वीरें
पापाजी की किताबें
और मायके से लायी गयी अलमारी
मां चाहती है
उन अभावों को छिपाए रखना
जिन्हें बताने का अब कोई मतलब नहीं है।
वह चाहती है उन सवालों से बचना
जिनके उत्तर अब उसके पास नहीं हैं।
चाहती तो माँ और भी बहुत कुछ थी
जब हाथ पाँव सलामत थे
उसने भी बहुत से सपने देखे थे
जब सपने देखने के दिन थे
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