तुम भी साथ होते तो कितना अच्छा होता
कोई तो करेगा मुझको भी याद
और मुस्कुरा देगा।
किसी को तो याद आएंगे
मेरे साथ बिताये हुए पल
कोई तो यह सोचकर
कृतज्ञता से भर जायेगा
कि हर ज़रूरत के समय मैं
उसके साथ खड़ा रहा
कोई तो करेगा अफ़सोस
मुझ पर अविश्वास करने के लिए
और कहेगा
कि आदमी सोचता तो बहुत है
पर सब कुछ कर कहाँ पाता है
(पिता जी की पहली बरसी पर लिखा गया)
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