Wednesday, November 24, 2010

नवाब भाई से मुलाकात

नवाब भाई से लिफ्ट में मुलाकात हो गई। उन्होंने कहा- दो साल कहीं टिक कर काम कर लो। इसके भरोसे अगले दो साल और काम कर लोगे। उसके बाद खाली रहने के लिए तैयार हो जाओ। फिर कुछ रुककर उन्होंने कहा- ये बात मुझ पर भी लागू होती है।

ये बात मुझसे बहुत से लोग कह चुके हैं। मैं इन सबके प्रति कृतज्ञता अनुभव करता हूं। नवाब भाई ने मेरी फिक्र की, अच्छा लगा। वे उन लोगों में से हैं जो मुझे पिछले पंद्रह बरस से जानते हैं। मैंने उनके साथ काम किया। वे एक काबिल रिपोर्टर हैं। सुलझी हुई सोच है और बहुत मेहनती हैं।

जीवन में जिन बातों का मुझे अफसोस रहा उनमें से एक यह भी है कि मैं रिपोर्टर नहीं बन सका। छोटे मोटे काम तो मैंने किए लेकिन यह सिलसिला किसी मुकाम तक नहीं पहुंचा।

नवाब भाई से मैंने कहा- कभी आपकी टीम में काम करने की इच्छा है। मेरा ध्यान रखना। उनसे आश्वासन मिला है। मैं उनके साथ एक रिपोर्टर के रूप में काम सीखना चाहूंगा।

नवाब भाई मेरी कमजोरियां जानते हैं। उन्हें दूर करने का रास्ता भी जानते हैं। मुझे उनके साथ काम करने का इंतजार रहेगा।

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