गीतकार शहर तुम्हें करता है प्यार
गीतकार शहर तुम्हें
करता है प्यार
फूल खिलखिलाते हैं
कलियाँ सकुचाती हैं
आसमान हँसता है
चिड़िया कुछ गाती हैं
संभव हैं तुमसे ये
सभी चमत्कार
श्रमिक की थकावट हो
वृद्ध की उदासी हो
याचक हो भूखा या
गाय कोई प्यासी हो
तुमने ही शब्द दिए
तुम्ही ने विचार
अर्पण है तुम्हे यह
अकिंचन आभार